Monday, April 19, 2010

shayari

जीवन के पतझड़ की तुम बहार हो ;
अमावस की रात की तुम चांदनी हो,
कौन कहता है, हम दो हैं;

तुम तू हर समय साथ रहेने वाली मेरी परझाई हो.......

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